आयुर्विज्ञान को प्राणो को बचाने का विशेष ज्ञान भी कहा जाता है इसे आयुर्वेद के नाम से भी जानते है आयुर्वेद यानि कि प्राणो का वेद इस रूप में भी देखते है हमारे ऋषि मुनियो ने
This Product Contains
SrNo Item name
1 Clitoria Ternatea, Gokarna (Blue) – Plant
2 5 inch (13 cm) Grower Round Plastic Pot (Black)
About Clitoria Ternatea
Clitoria ternatea a perennial leguminous flowering herb belonging to the Fabaceae family and commonly known as blue pea, butterfly pea and Darwin pea.This wonderful twining plant generously bears quite large flowers which are a beautiful shade of vivid cobalt blue with a white throat.
The flowers are presented upside down – the keel petal appears on the top rather than the underside.It produces slender new annual stems that grow up to 3 metres long from the woody base each year.
आचार्यो ने पर्यटन कर ऐसी जड़ी बूटियों को खोज निकाला था जो 64 दिव्य जड़ी बूटी,वनस्पति है जिनके माध्यम से लगभग सभी बीमारियो को ठीक किया जा सकता है आयुर्वेदिक चिकित्सा के द्वारा रोग को पूर्णता के साथ समाप्त करने की क्षमता है आयुर्वेद के ग्रंथो में 64 दिव्य औषधियों का वर्णन मिलता है
अपराजिता
विभिन्न भाषाओ में अपराजिता के नाम
हिंदी -कोयल ,अपराजिता
संस्कृत -विष्णुकांता ,गौकर्णिका,अपराजिता ,गिरिकर्णिका
मराठी -कोकर्णी,सुपली
बंगला -अपराजिता
गुजराती-गर्णीघोली
अंग्रेजी -megrin
लेटिन-ciltoria,ternetia
गुण धर्म and प्रयोग
————————
वैसे तो गुण धर्म की दृष्टि से स्वेत और नीली दोनों कोयल प्राय: समान ही हैं दोनों शीत वीर्य प्रधान तथा दोनों का स्वाद कडवा होता है दोनों में स्निग्धता हैकिन्तु तिक्त और कषायरस की प्रधानता होने से उनमे लघुता और रुक्षता भी देखी जाती है वैसे नीली अपराजिता की अपेक्षा सफ़ेद अपराजिता विशेष गुणकारी और प्रभावशाली होती है
यह बहुवर्षीय जीवी बनस्पति होती है यह एक
बेल है जिसमें पीले रंग के फूल लगते हैं इसके फूल का आकार गाय के कानों की तरह होता है इसलिए इसे
गौकर्णी भी कहते हैंजंगल में सामान्य रूप से प्राप्त हो जाती है जिसकी फूलो से बीजों को निकालकर अवलेह बना दिया जाता है तो यह पेचिश को मात्र 3 दिनों में ठीक कर देती हैइसका विशेष गुण है कि यह
शराब की मात्रा ज्यादा लेने से लीवर बढ़ गया हो और लीवर में सूजन आ गई हो तो एक-एक चम्मच 7 दिन लेने से लीवर की सूजन पूरी तरह
समाप्त हो जाती है और उससे भी बड़ी बात यह है कि बढ़ा हुआ लीवर सिकु ड़कर वापिस सही स्थिति में आ जाता है इसके पत्तों को पीसकर मूत्र नली के ऊपर लगाने
से रुका हुआ पेशाब बाहर निकल जाता है यदि मूत्र नली में पथरी के टुकड़े हो तो मात्र 3 घंटे में यह दवा उस पथरी को समाप्त कर देती है इसकी जड़ को पीसकर फंकी की तरह लेने से नेत्रों की
“अपने गुणों के खजाने को पहचानो ”
ज्योति बढ़ जाती है और चाहे कितने ही वर्षों से चश्मा पहना हो वह चश्मा उतर जाता है इसके अलावा इसके बीज यकृत प्लीहा जलोदर और पेट के कीड़े आमाशय में दाह कफ
सूजन स्त्रियों के रोग क्षय आदि में तुरंत और आश्चर्यजनक फायदा पहुंचाता है यदि कानों में दर्द हो और कानों के आसपास की ग्रंथियां सूज गई हो तो इसके पत्तों के रस में सेंधा नमक मिलाकर गरम गरम लेप करने से
यह रोग समाप्त हो जाता है इसकी छाल को दूध में पीसकर शहद मिलाकर पीने से गर्भपात रुक जाता है इसके बीजों को पीसकर लेप करने से अंडकोष की सूजन समाप्त हो जाती है इसके अलावा भी इसके
सैकड़ों काम है जिस पर पूरा एक ग्रंथ लिखा जा सकता है वास्तव में ही अपराजिता दिव्य जड़ी में बूटियों में स्थान पाने योग्य है